कहते हैं कि मृत्यु चुपचाप आती है। बेख़बर। वह चुपके से आती है
है अजब सा माहौल शहर का इस तपिश में,
नाम:- प्रतिभा पाण्डेय "प्रति"
तमन्ना है बस तुझको देखूॅं
आज खुश हे तु इतना, तेरी खुशियों में
एक पल को न सुकून है दिल को।
आप की है कोशिशें तब नाकाम होती है।
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
गुंजन राजपूत, मित्रता की मिसाल हो,तुम्हारी मुस्कान में हर दि
भला कैसे सुनाऊं परेशानी मेरी
आसमां में चांद प्यारा देखिए।