बिखर गई INDIA की टीम बारी बारी ,
किसी के इश्क में ये जिंदगी बेकार जाएगी।
ग़ज़ल _ सरकार आ गए हैं , सरकार आ गए हैं ,
समय न मिलना यें तो बस एक बहाना है
मेरा दिल हरपल एक वीरानी बस्ती को बसाता है।
।। आशा और आकांक्षा ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
यूँ तैश में जो फूल तोड़ के गया है दूर तू
"आओ हम सब मिल कर गाएँ भारत माँ के गान"
रावण जलाने का इरादा लेकर निकला था कल
प्रकृति भी तो शांत मुस्कुराती रहती है
हर एक मंजिल का अपना कहर निकला