Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 May 2024 · 0 min read

..

..

1 Like · 62 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आधार छन्द-
आधार छन्द- "सीता" (मापनीयुक्त वर्णिक) वर्णिक मापनी- गालगागा गालगागा गालगागा गालगा (15 वर्ण) पिंगल सूत्र- र त म य र
Neelam Sharma
आंखों पर पट्टियां हैं
आंखों पर पट्टियां हैं
Sonam Puneet Dubey
कलयुग में कुरुक्षेत्र लडों को
कलयुग में कुरुक्षेत्र लडों को
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
चिलचिलाती धूप में निकल कर आ गए
चिलचिलाती धूप में निकल कर आ गए
कवि दीपक बवेजा
डूबता सुरज हूँ मैं
डूबता सुरज हूँ मैं
VINOD CHAUHAN
ज़िंदगी की कँटीली राहों पर
ज़िंदगी की कँटीली राहों पर
Shweta Soni
ऊपर वाला जिन्हें हया और गैरत का सूखा देता है, उन्हें ज़लालत क
ऊपर वाला जिन्हें हया और गैरत का सूखा देता है, उन्हें ज़लालत क
*प्रणय प्रभात*
मनुष्य को
मनुष्य को
ओंकार मिश्र
कलाकारी में भी यूं चार चांद लगाते हैं,
कलाकारी में भी यूं चार चांद लगाते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जिंदगी वो है
जिंदगी वो है
shabina. Naaz
धर्म खतरे में है.. का अर्थ
धर्म खतरे में है.. का अर्थ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
पेपर लीक का सामान्य हो जाना
पेपर लीक का सामान्य हो जाना
आनंद प्रवीण
सत्य की खोज
सत्य की खोज
SHAMA PARVEEN
रमेशराज के 2 मुक्तक
रमेशराज के 2 मुक्तक
कवि रमेशराज
आंखों को मल गए
आंखों को मल गए
Dr fauzia Naseem shad
वक़्त हमें लोगो की पहचान करा देता है
वक़्त हमें लोगो की पहचान करा देता है
Dr. Upasana Pandey
'सर्वे नागा: प्रीयन्तां मे ये केचित् पृथ्वीतले। ये च हेलिमरी
'सर्वे नागा: प्रीयन्तां मे ये केचित् पृथ्वीतले। ये च हेलिमरी
Shashi kala vyas
गौतम बुद्ध के विचार
गौतम बुद्ध के विचार
Seema Garg
फिर कभी तुमको बुलाऊं
फिर कभी तुमको बुलाऊं
Shivkumar Bilagrami
बह्र ....2122  2122  2122  212
बह्र ....2122 2122 2122 212
Neelofar Khan
प्रकृति प्रेम
प्रकृति प्रेम
Ratan Kirtaniya
मेरी काली रातो का जरा नाश तो होने दो
मेरी काली रातो का जरा नाश तो होने दो
Parvat Singh Rajput
मन इतना क्यों बहलाता है, रोज रोज एक ही बात कहता जाता है,
मन इतना क्यों बहलाता है, रोज रोज एक ही बात कहता जाता है,
पूर्वार्थ
भीम राव हैं , तारणहार मेरा।
भीम राव हैं , तारणहार मेरा।
Buddha Prakash
कैसी लगी है होड़
कैसी लगी है होड़
Sûrëkhâ
मछली रानी
मछली रानी
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
उनसे कहना अभी मौत से डरा नहीं हूं मैं
उनसे कहना अभी मौत से डरा नहीं हूं मैं
Phool gufran
"कसौटी"
Dr. Kishan tandon kranti
कबीर एवं तुलसीदास संतवाणी
कबीर एवं तुलसीदास संतवाणी
Khaimsingh Saini
अंहकार
अंहकार
Neeraj Agarwal
Loading...