कल्पित एक भोर पे आस टिकी थी, जिसकी ओस में तरुण कोपल जीवंत हुए।
किताबों से ज्ञान मिलता है
प्राण प्रतिष्ठा और दुष्ट आत्माएं
सत्य का संधान
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
हमारी खुशी हमारी सोच पर निर्भर है। हम शिकायत कर सकते हैं कि
लोवर टी शर्ट पहिन खेल तारी गोली
फूल भी हम सबको जीवन देते हैं।
खिचड़ी यदि बर्तन पके,ठीक करे बीमार । प्यासा की कुण्डलिया
रमेशराज के कहमुकरी संरचना में चार मुक्तक
मधुर गीत
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
- सेलिब्रेटी की पीड़ा सेलिब्रेटी ही जाने -
माना आज उजाले ने भी साथ हमारा छोड़ दिया।
काल भैरव की उत्पत्ति के पीछे एक पौराणिक कथा भी मिलती है. कहा
*मांसाहारी अर्थ है, बनना हिंसक क्रूर (कुंडलिया)*
जब तक आप जीवित हैं, जीवित ही रहें, हमेशा खुश रहें