इश्क़ जब हो खुदा से फिर कहां होश रहता ,
फैला था कभी आँचल, दुआओं की आस में ,
वीरान गली हैरान मोहल्ला कुछ तो अपना अंदाज लिखो / लवकुश_यादव_अजल
*उपस्थिति रजिस्टर (हास्य व्यंग्य)*
****जिओंदा रहे गुरदीप साड़ा ताया *****
कुंडलिया
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
"घूंघट नारी की आजादी पर वह पहरा है जिसमे पुरुष खुद को सहज मह
मैं घमंडी नहीं हूँ ना कभी घमंड किया हमने
विश्व हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
प्रेम उतना ही करो जिसमे हृदय खुश रहे
यह जो मेरी हालत है एक दिन सुधर जाएंगे
उन बादलों पर पांव पसार रहे हैं नन्हे से क़दम,