विश्व के हर मनुष्य के लिए करुणा होनी चाहिए
समुद्रर से गेहरी लहरे मन में उटी हैं साहब
ग़ज़ल/नज़्म - उसका प्यार जब से कुछ-कुछ गहरा हुआ है
जेठ कि भरी दोपहरी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
एक जिद्दी जुनूनी और स्वाभिमानी पुरुष को कभी ईनाम और सम्मान क
स्पर्श करें निजजन्म की मांटी
डॉ अरूण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक 😚🤨
या तो लाल होगा या उजले में लपेटे जाओगे
किसी की छोटी-छोटी बातों को भी,
विषय :- रक्त रंजित मानवीयता रस-वीभत्स रस विधा-मधुमालती छंद आधारित गीत मापनी-2212 , 2212
बेटिया विदा हो जाती है खेल कूदकर उसी आंगन में और बहू आते ही
अंतर्राष्ट्रीय पाई दिवस पर....
रामायण से सीखिए,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
इतने सालों बाद भी हम तुम्हें भूला न सके।
हर गलती से सीख कर, हमने किया सुधार
***** सिंदूरी - किरदार ****