मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
परमपूज्य स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज
अपना निर्णय आप करो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
स्वभाव मधुर होना चाहिए, मीठी तो कोयल भी बोलती है।।
*"जहां भी देखूं नजर आते हो तुम"*
बाल गीत "लंबू चाचा आये हैं"
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
खुद से मुहब्बत
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
उर-ऑंगन के चॉंद तुम्हीं हो।
एक पेड़ की हत्या (Murder of a Tree) कहानी
हमारी लंबी उम्र जितिया करने वाली से होती है, करवा चौथ करने व
प्रेम के दो वचन बोल दो बोल दो
ताप जगत के झेलकर, मुरझा हृदय-प्रसून।
"प्रीत-बावरी"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD