अपना ही ख़ैर करने लगती है जिन्दगी;
23 Be Blissful
Santosh Khanna (world record holder)
निज प्रभुत्व में हैं जीते जो
बहुत मुश्किल होता हैं, प्रिमिकासे हम एक दोस्त बनकर राहते हैं
वो इश्क जो कभी किसी ने न किया होगा
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
सहायता-प्राप्त माध्यमिक विद्यालय में प्रबंधक की भूमिका का निर्वहन*
Khwahish jo bhi ho ak din
दर्द की शर्त लगी है दर्द से, और रूह ने खुद को दफ़्न होता पाया है....
222. प्रेम करना भी इबादत है।
इश्क़ से अपने कुछ चुने लम्हें
Gujarati Urmikavya & Gujarati kavita, poetry of famous poets | Rekhtagujarati
आपकी मुस्कुराहट बताती है फितरत आपकी।
वो तुम्हारी पसंद को अपना मानता है और
आप अपनी नज़र फेर ले ,मुझे गम नहीं ना मलाल है !
कोरोना का संकट मित्रों, कब तक हमें डरायेगा।
कुछ ही देर लगती है, उम्र भर की यादें भुलाने में,