55…Munsarah musaddas matvii maksuuf
जीवन दर्शन मेरी नजर से ...
यहां लोग सच बोलने का दावा तो सीना ठोक कर करते हैं...
मोहब्बत के बारे में तू कोई, अंदाजा मत लगा,
स्वागत है इस नूतन का यह वर्ष सदा सुखदायक हो।
कोई पढे या ना पढे मैं तो लिखता जाऊँगा !
यादों को दिल से मिटाने लगा है वो आजकल
*कितनी बार कैलेंडर बदले, साल नए आए हैं (हिंदी गजल)*
तुम जिसे झूठ मेरा कहते हो
You can't skip chapters, that's not how life works. You have
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)