Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Aug 2023 · 1 min read

2440.पूर्णिका

2440.पूर्णिका
🌷हालात देख हम चलते हैं 🌷
2212 122 22
हालात देख हम चलते हैं ।
यूं चाल देख हम चलते हैं ।।
कब फूल महकते खिल खिलके।
खुशबू न देख हम चलते हैं ।।
बस प्यार है बहुत ये दिल में ।
सब बांट देख हम चलते हैं ।।
पहचान चमक मेरी दुनिया ।
अब साथ देख हम चलते हैं ।।
बनके निदान खुद कर खेदू ।
बलिदान देख हम चलते हैं ।।
……….✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
20-8-2023रविवार

296 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सद्विचार
सद्विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
"लक्ष्य"
Dr. Kishan tandon kranti
स्वाभिमान की बात कर रहा,
स्वाभिमान की बात कर रहा,
Sanjay ' शून्य'
कितनी मासूम
कितनी मासूम
हिमांशु Kulshrestha
।।
।।
*प्रणय*
हल
हल
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
शब्द
शब्द
Shashi Mahajan
You lived through it, you learned from it, now it's time to
You lived through it, you learned from it, now it's time to
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
बुर्जुर्ग सुरक्षित कैसे हों।
बुर्जुर्ग सुरक्षित कैसे हों।
manorath maharaj
3541.💐 *पूर्णिका* 💐
3541.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
जिंदगी उधार की, रास्ते पर आ गई है
जिंदगी उधार की, रास्ते पर आ गई है
Smriti Singh
Gratitude Fills My Heart Each Day!
Gratitude Fills My Heart Each Day!
R. H. SRIDEVI
आज की नारी
आज की नारी
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
खो गए हैं ये धूप के साये
खो गए हैं ये धूप के साये
Shweta Soni
अर्धांगिनी
अर्धांगिनी
Buddha Prakash
आनेवाला अगला पल कौन सा ग़म दे जाए...
आनेवाला अगला पल कौन सा ग़म दे जाए...
Ajit Kumar "Karn"
लगता है अपने रिश्ते की उम्र छोटी ही रही ।
लगता है अपने रिश्ते की उम्र छोटी ही रही ।
Ashwini sharma
परमूल्यांकन की न हो
परमूल्यांकन की न हो
Dr fauzia Naseem shad
मिट्टी है अनमोल
मिट्टी है अनमोल
surenderpal vaidya
गुनाह लगता है किसी और को देखना
गुनाह लगता है किसी और को देखना
Trishika S Dhara
चंचल मन
चंचल मन
Dinesh Kumar Gangwar
इबारत जो उदासी ने लिखी है-संदीप ठाकुर
इबारत जो उदासी ने लिखी है-संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
Shayari
Shayari
Sahil Ahmad
याद रखना...
याद रखना...
पूर्वार्थ
तुम चंद्रछवि मृगनयनी हो, तुम ही तो स्वर्ग की रंभा हो,
तुम चंद्रछवि मृगनयनी हो, तुम ही तो स्वर्ग की रंभा हो,
SPK Sachin Lodhi
हार नहीं होती
हार नहीं होती
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
रब के नादान बच्चे
रब के नादान बच्चे
Seema gupta,Alwar
*सपनों का बादल*
*सपनों का बादल*
Poonam Matia
मैं मन की भावनाओं के मुताबिक शब्द चुनती हूँ
मैं मन की भावनाओं के मुताबिक शब्द चुनती हूँ
Dr Archana Gupta
ज़रा सी  बात में रिश्तों की डोरी  टूट कर बिखरी,
ज़रा सी बात में रिश्तों की डोरी टूट कर बिखरी,
Neelofar Khan
Loading...