जब भी किसी कार्य को पूर्ण समर्पण के साथ करने के बाद भी असफलत
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
ऐसा लगता है कि शोक सभा में, नकली आँसू बहा रहे हैं
अभी एक बोर्ड पर लिखा हुआ देखा...
मेरी मौजूदगी बस हमारी सांसों तक है।
हैं राम आये अवध में पावन हुआ यह देश है
*जीवन में प्रभु दीजिए, नया सदा उत्साह (सात दोहे)*
आँखों में नींदें थी, ज़हन में ख़्वाब था,