24 जनवरी अंतर राष्ट्रीय बालिका दिवस पर कविता।
बेटी आएगी, तो खुशियां लाएगी।
इस बार बेटा होने पर की जानी वाली सारी रस्में, बेटी होने पर भी निभाई जाएगी।
जी हां सही, सुना आपने बेटी होने पर भी वही रस्में निभाई जाएगी जिन पर जन्मसिद्ध अधिकार सदियों से बेटों का था;
वह अधिकार हर बेटी भी पाएगी।
जब बेटी पढ़ाई जाएगी तो वह गर्वसहित हमारी शिक्षा,सभ्यता,संस्कृति और संस्कार को आगे ले जाएगी।
अब से बेटी अबला नहीं,सबला बन उभर पाएंगी।
बेटियां चूल्हों,आग और तेज़ाब से नहीं सताई जाएगी।
क्योंकि बेटी पढ़ाई जाएगी।
अब बेटी कम उम्र में नहीं ब्याही जाएगी,
अब बेटी केवल घर ही नहीं चलाएगी वह ट्रेन, मेट्रो,हवाई जहाज तो लड़ाकू जहाज भी चलाएगी।
वह सेना में दुश्मनों से भी लड़ने जाएगी।
अब बेटी न कोख में, न भूख से,न उत्पीड़न से मारी जाएगी।
अब बेटी स्कूल से, दफ्तर ही नहीं।
राष्ट्रपति बन दुनिया को अपनी धाक दिखाएगी।
अब बेटी धरती का वरदान बन घर-घर पूजी जाएगी।
इस अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर हर बेटी का कहना यही है।
अभी समय हमारा है।भविष्य भी हमारा है,उस पर अधिकार भी हमारा है।
आभार
रजनी कपूर