1B_ वक्त की ही बात है
1B_ वक्त की ही बात है
पैर रख कर गुजरने वाला
कहाँ सोच पाता है कि ,
उसने तिनके को रोंदा या
पीपल के बीज को …?
और वो पीपल भी
अपनी क्षमता के चरम पर
छांव देते समय
कहाँ सोचता होगा कि ,
किसने उसे रोंदा या
किसने उसे सींचा …
बात के लिए वक्त हो या नहीं
पर ‘वक्त की ही बात है’ ….
– क्षमा ऊर्मिला