Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Apr 2024 · 1 min read

122 122 122 12

122 122 122 12
तेरा साया जब से हुआ है हमें
मुझे जिंदगी के नज़ारे मिले

रहा तू वफ़ा कर चला तू कहाँ
चले आओ तसवीर तक़दीर से
दुआ दे दो बाबा वही दूर से
दुआ दे दो बाबा वही दूर से

कभी भूलके आते जाते नहीं
ख़ता हो गई क्या बुलाते नहीं
लगा है सुना पन यही जिंदगी
चुपाके ये चेहरा कहाँ तुम गये

लेखक – ज़ुबैर खान……✍️

190 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*बातें बनती-बनती बिगड़ती हैँ*
*बातें बनती-बनती बिगड़ती हैँ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मेरा सुकून
मेरा सुकून
Umesh Kumar Sharma
■ कौन बताएगा...?
■ कौन बताएगा...?
*प्रणय*
बना चाँद का उड़न खटोला
बना चाँद का उड़न खटोला
Vedha Singh
हर दफ़ा जब बात रिश्तों की आती है तो इतना समझ आ जाता है की ये
हर दफ़ा जब बात रिश्तों की आती है तो इतना समझ आ जाता है की ये
पूर्वार्थ
मैं इस दुनिया का सबसे बुरा और मुर्ख आदमी हूँ
मैं इस दुनिया का सबसे बुरा और मुर्ख आदमी हूँ
Jitendra kumar
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
शर्मिंदगी झेलनी पड़ती है दोस्तों यहां पर,
शर्मिंदगी झेलनी पड़ती है दोस्तों यहां पर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
तेवरी
तेवरी
कवि रमेशराज
याद  करने  पर याद  करता  है ,
याद करने पर याद करता है ,
Dr fauzia Naseem shad
4234.💐 *पूर्णिका* 💐
4234.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
मेरे पास OPTIONS की कमी नहीं थी मेरी जान,
मेरे पास OPTIONS की कमी नहीं थी मेरी जान,
Ravi Betulwala
Kavi Shankarlal Dwivedi (1941-81)
Kavi Shankarlal Dwivedi (1941-81)
Shankar lal Dwivedi (1941-81)
पलकों पे सपने लिए, लाँघे जब दहलीज।
पलकों पे सपने लिए, लाँघे जब दहलीज।
डॉ.सीमा अग्रवाल
मुझे तुम अपनी बाँहों में
मुझे तुम अपनी बाँहों में
DrLakshman Jha Parimal
वातायन के खोलती,
वातायन के खोलती,
sushil sarna
"मौका मिले तो"
Dr. Kishan tandon kranti
जिस देश में युवाओं के पास शिक्षा की महज एक औपचारिकता ही रह ज
जिस देश में युवाओं के पास शिक्षा की महज एक औपचारिकता ही रह ज
Rj Anand Prajapati
जय माँ ब्रह्मचारिणी
जय माँ ब्रह्मचारिणी
©️ दामिनी नारायण सिंह
अछूत
अछूत
Lovi Mishra
देवी महात्म्य प्रथम अंक
देवी महात्म्य प्रथम अंक
मधुसूदन गौतम
ରାତ୍ରିର ବିଳାପ
ରାତ୍ରିର ବିଳାପ
Bidyadhar Mantry
सोया भाग्य जगाएं
सोया भाग्य जगाएं
महेश चन्द्र त्रिपाठी
काजल में उसकी काली रातें छुपी हैं,
काजल में उसकी काली रातें छुपी हैं,
Kanchan Alok Malu
Conscience
Conscience
Shyam Sundar Subramanian
समस्याओं से भागना कायरता है
समस्याओं से भागना कायरता है
Sonam Puneet Dubey
आज फ़िर एक
आज फ़िर एक
हिमांशु Kulshrestha
क्या आजाद हैं हम ?
क्या आजाद हैं हम ?
Harminder Kaur
*कण-कण में भगवान हैं, कण-कण में प्रभु राम (कुंडलिया)*
*कण-कण में भगवान हैं, कण-कण में प्रभु राम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
कल जिंदगी से बात की।
कल जिंदगी से बात की।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
Loading...