#01 दिल की बातें
#01
“दिल के सागर मे लहरे उठाया ना करो,
ख्वाब बनकर नींद चुराया ना करो.
बहुत चोट लगती है मेरे दिल को,
तुम ख्वाबों में आकर यूं तड़पाया न करो”
#01
“दिल के सागर मे लहरे उठाया ना करो,
ख्वाब बनकर नींद चुराया ना करो.
बहुत चोट लगती है मेरे दिल को,
तुम ख्वाबों में आकर यूं तड़पाया न करो”