?गज़ल?
#बह्र-2122/1212/22
आँख हटती नहीं हटाने से
हो हसीं तुम सनम ज़माने से/1
साँस सरगम ये बोल कोयल से
बज़्म सजती शरीक आने से//2
चाँदनी नूर चेहरे पर है
लूट ले दिल नज़र मिलाने से//3
है सियासत अज़ब अनोखी सी
ये नवाज़े बधिर तराने से//4
ख़ुद चलेंगे सही दिशाओं में
तेज़ होगी मुहिम बताने से//5
आदमी आदमी लड़े पागल
ज़िंदगी मौज़ दिल हँँसाने से//6
प्यार ‘प्रीतम’ नशीब से मिलता
शान दिल की इसे निभाने से//7
??आर.एस.’प्रीतम’??
?सर्वाधिकार सुरक्षित गज़ल?