? अतिवृष्टि?
जब हुई अतिवृष्टि,
प्रशासन की खुली दृष्टि।
चेतन हुई झोपड़ी पट्टी,
नदी नाले हो गए उफानजट्टी।
धरा हुई ताल तलैया।
संगठित हो गये भाई भैया।
जनधन की हुई हानी।
आ गए नाव खिवैया।
बचाव कार्य में जुटे,
कूड़ा करकट साफ कराये,
जब फैली महामारी।
राहत शिविर लगाए,
बजी नहीं स्कूल की घंटी,
घोषित हुई स्कूल की छुट्टी।
हर्षित हो गए बंटी घंटी।
रुचियता
नारायण अहिरवार
(अंशु कवि)