?अजन्मे कौ अवतरण….?
?? आप सभी को अजन्मे के अवतरण की कोटि-कोटि बधाइयाँ ??
??✏ रास छंद ??
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भादों आधी, रात अँधेरी, घिरन लगी।
कालचक्र की, सुईं एकदम, फिरन लगी।
टूटि गयीं सिग, बेड़ी तारे, खूटि गये।
द्वारपाल हूँ, चेतनता ते, छूटि गये।
जीव चराचर, मन हरषाये, त्यार भये।
‘प्रगटे श्रीहरि, जेल मङ्गला-चार भये।’
”जनम अजन्मे, कौ अद्भुत ही, दिव्यमयी।”
रासेश्वर छवि, अतुल अनूपम, कालजयी।
देवध्वनि सुन, लै छबरा वसु- देव चले।
‘तेज’ जमुन की, धार केहि विधि, लाल पले।
गोकुल नगरी, दूर उफनती, धार बहे।
मारग दीन्हों, छोड़ जगतपति, पाद गहे।।
नन्दराय के, धाम लाल जू, आय गये।
माया पहुँची, जेल घोर अप-शगुन भये।
मिली सूचना, कंस जेल में, आय गयौ।
भयौ अवतरित, काल सुनहि रिसि-याय गयौ।
नन्दगाम में, आनन्द के घन, बरसि रहे।
बजे बधाए, गोप-ग्वाल सब, हरषि रहे।
जगत मनावै, जगतपती की, जनम तिथी।
भवसागर ते, पार उतारहु, हे अतिथी!!
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?तेज मथुरा✍
? नन्द के आनन्द भये, जय कन्हैया लाल की ?