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12 Oct 2017 · 1 min read

?दिल और इश्क♥

?दिल और इश्क♥

ये आराजु तमन्नाओ का सैलाव उमड़ रहा है,,,,
मेरी ही दिल है पर तेरे लिए मुझ से ही लड़ रहा है,,,,

बंदिशें तेरी यादो की जकड़े है मुझे,,,
वस जाने अनजाने ही तेरी ओर बढ़ रहा है,,,,

दर्द है दिलो के दरमियां दूरीयो का,,,,
अब जरूरी है पास आना पड़ रहा है,,,,

जीवन की इस खीचतान हैरानी में,,,,
अब मन काजी तेरा कलमा पढ़ रहा है,

सुंदर से सपने लिये नयन में अपने,,,,
मनु शुकूनी से ख्याल ये गढ़ रहा है,,,,

??मानक लाल मनु,,,,
??सरस्वती साहित्य परिषद,,,,

Language: Hindi
224 Views
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