?माँ?
मुँह से निकला पहला शब्द है माँ ।
बच्चे की पहली गुरु है माँ ।।
ममता की सच्ची मूरत है माँ ।
हर बच्चे की जरूरत है माँ ।।
माँ सा प्यार मिले कहीं ना ।
ढूंढ लो चाहे सारी दुनिया ।।
माँ से बढ़कर और कोई ना ।
माँ ने ही दिखलाई ये दुनिया ।।
भगवान का दूसरा रूप है माँ ।
दुनिया में आने का ज़रिया है माँ ।
हम सबके जीवन का आधार है माँ ।
लगाती हमारे जीवन को पार है माँ ।।
माँ की कीमत उनसे पूछो ।
जिनकी बिछड़ जाती है माँ ।।
माँ बिन जीवन की बगिया सूनी ।
जीवन रूपी बगिया की माली है माँ ।।
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नीलम घनघस ढांडा
हरियाणा चंडीगढ़