Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Jan 2017 · 1 min read

? सफर ये कैसा सफर?

? “सफ़र ये कैसा सफ़र”?
” दुनियाँ एक सराय हम मुसाफिर
आँख क्यों न भर आये ,पहले बता
परमात्मा ?तुमने जज़्बात क्यों बनाये?

“चाह थी जो पाया नहीं ।
जो पाया वो चाहा नहीं
फिर जो पाया उसी को चाह लिया”।।

प्रकृति ने दिये अनमोल ख़जाने
पर हम बन के सयाने ,भरते रहे झूठे
खजाने ।।

दुनियाँ का सफ़र ,सुहाना सफ़र
उस पर रिश्तों का बन्धन,
रिश्तों संग दिलो में जज़्बात ।।

दिलों में प्रेम की जोत
हर कोई किसी न किसी की जीने की वज़ह
फिर कह दो दुनियाँ एक सराय
इतनी बड़ी सराय ,लम्बा सफ़र
इन्सान मुसाफिर ।।।।।

दूँनियाँ की सराय में मैं मुसाफिर
फिर सफ़र के हर लम्हें में क्यों
ना आनन्द उठाया जाये ।।

सफ़र का आंनद लेना सीखो मेरे अपनों
सफ़र का हर लम्हा हमें कुछ न कुछ सीखा जाता है ।

जो पत्थर पैरों में कंकड़ बन चुभते हैं ,वही पत्थर
हमारे घरों की दीवारें बनाते हैं ।

कोई सूखे पत्ते देख उन्हें व्यर्थ समझता है
कोई उन्ही सूखे पत्तों से अपना चूल्हा जला लेता है।

पापी पेट का सवाल है ,कोई अपने घर के कूड़े को
बहार फैंकता है ।, कोई भूखा उसी कूड़े को अपने
भोजन वज़ह बना लेता है ।।



Language: Hindi
251 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जन्मदिन पर आपके दिल से यही शुभकामना।
जन्मदिन पर आपके दिल से यही शुभकामना।
सत्य कुमार प्रेमी
कातिल अदा
कातिल अदा
Bodhisatva kastooriya
तेवरीः शिल्प-गत विशेषताएं +रमेशराज
तेवरीः शिल्प-गत विशेषताएं +रमेशराज
कवि रमेशराज
■ मुक्तक...
■ मुक्तक...
*Author प्रणय प्रभात*
अगले बरस जल्दी आना
अगले बरस जल्दी आना
Kavita Chouhan
"सूनी मांग" पार्ट-2
Radhakishan R. Mundhra
वृक्षारोपण का अर्थ केवल पौधे को रोपित करना ही नहीं बल्कि उसक
वृक्षारोपण का अर्थ केवल पौधे को रोपित करना ही नहीं बल्कि उसक
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
कितना बदल रहे हैं हम ?
कितना बदल रहे हैं हम ?
Dr fauzia Naseem shad
प्यार हुआ कैसे और क्यूं
प्यार हुआ कैसे और क्यूं
Parvat Singh Rajput
आज के लिए जिऊँ लक्ष्य ये नहीं मेरा।
आज के लिए जिऊँ लक्ष्य ये नहीं मेरा।
Santosh Barmaiya #jay
बसंत पंचमी
बसंत पंचमी
Neeraj Agarwal
ज़ुल्मत की रात
ज़ुल्मत की रात
Shekhar Chandra Mitra
दो जिस्म एक जान
दो जिस्म एक जान
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
चेहरे की पहचान ही व्यक्ति के लिये मायने रखती है
चेहरे की पहचान ही व्यक्ति के लिये मायने रखती है
शेखर सिंह
सिर्फ औरतों के लिए
सिर्फ औरतों के लिए
Dr. Kishan tandon kranti
गहरा है रिश्ता
गहरा है रिश्ता
Surinder blackpen
फुदक फुदक कर ऐ गौरैया
फुदक फुदक कर ऐ गौरैया
Rita Singh
*धाम अयोध्या का करूॅं, सदा हृदय से ध्यान (नौ दोहे)*
*धाम अयोध्या का करूॅं, सदा हृदय से ध्यान (नौ दोहे)*
Ravi Prakash
जो रास्ता उसके घर की तरफ जाता है
जो रास्ता उसके घर की तरफ जाता है
कवि दीपक बवेजा
सुविचार
सुविचार
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
स्वयंभू
स्वयंभू
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
2568.पूर्णिका
2568.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
"अन्तरात्मा की पथिक "मैं"
शोभा कुमारी
रूपेश को मिला
रूपेश को मिला "बेस्ट राईटर ऑफ द वीक सम्मान- 2023"
रुपेश कुमार
तुकबन्दी अब छोड़ो कविवर,
तुकबन्दी अब छोड़ो कविवर,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
जिंदगी है एक सफर,,
जिंदगी है एक सफर,,
Taj Mohammad
एक पते की बात
एक पते की बात
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
प्रेम और घृणा से ऊपर उठने के लिए जागृत दिशा होना अनिवार्य है
प्रेम और घृणा से ऊपर उठने के लिए जागृत दिशा होना अनिवार्य है
Ravikesh Jha
अच्छा बोलने से अगर अच्छा होता,
अच्छा बोलने से अगर अच्छा होता,
Manoj Mahato
संचित सब छूटा यहाँ,
संचित सब छूटा यहाँ,
sushil sarna
Loading...