? प्रश्न उत्तर ?
डॉ अरूण कुमार शास्त्री?एक अबोध बालक ?अरुण अतृप्त ?
तुम प्रश्न मैं उत्तर
तुम चंचल हरित धरा सी
मैं शांत स्थिर हूँ प्रस्तर
तुम मृग नयनी सी युवना
मैं सुस्त मस्त गजराज
तुम तृणवत लोच लिए हो
जैसे सूत्र पिरोया सुई में
मैं सीधा वृक्ष तना सा
तुम सजग कोकिला कण्ठ
मैं बजता ढोल अदृश्य
तुम तरुणाई कोंपल की
मैं खड़ा ठूठों सा सीधा
तुम बहती मलय सुबसित
मैं गरम हवा तूफ़ान
तुम शीतल शीतल छाया
मैं झुलसाता झौंका सा
तुम व्यजंन छप्पन रस की
मैं दाल भात की थाली
तुम सात रंग की ओढ़नी रँगीली
मैं श्वेत श्याम हूँ कम्बल
तुम प्रश्न मैं उत्तर
तुम चंचल हरित धरा सी
मैं शांत स्थिर हूँ प्रस्तर
तुम मृग नयनी सी युवना
मैं सुस्त मस्त गजराज