Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 May 2022 · 1 min read

💐💐सुन्दरक्षणस्य आत्मानुभवः💐💐

भवन्तः जीवनस्य सुन्दरं क्षणं यदि अन्य: जनाः परिभाषित: कुर्वन्तु तु किं एषः तथ्य भवन्तः आनन्ददायक: भविष्यति। इयत् न भविष्यति।यतः निश्चितरूपेण वर्तमान समये के अपि न यथा इच्छन्ति यत् एतस्य उन्नति सुष्ठु माध्यमेन स्यात्।सः अन्तः ईर्ष्याया: भाव: आभासित: भवति।तु एतस्मिन् स्थित्यां आत्मानुभवं एव कार्यं करोति।

सेवक सठ नृप कृपन कुनारी,कपटी मित्र सूल सम चारी।
-श्रीरामचरितमानस

©अभिषेक: पाराशरः

Language: Sanskrit
Tag: Quotation
177 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
खोजते फिरते हो पूजा स्थलों में
खोजते फिरते हो पूजा स्थलों में
Dhirendra Singh
*
*"संकटमोचन"*
Shashi kala vyas
स्कूल जाना है
स्कूल जाना है
SHAMA PARVEEN
जय श्री राम
जय श्री राम
goutam shaw
4654.*पूर्णिका*
4654.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तुझको मैंने दिल में छुपा रक्खा है ऐसे ,
तुझको मैंने दिल में छुपा रक्खा है ऐसे ,
Phool gufran
हर मंजिल के आगे है नई मंजिल
हर मंजिल के आगे है नई मंजिल
कवि दीपक बवेजा
****महात्मा गाँधी****
****महात्मा गाँधी****
Kavita Chouhan
काल चक्र कैसा आया यह, लोग दिखावा करते हैं
काल चक्र कैसा आया यह, लोग दिखावा करते हैं
पूर्वार्थ
*मनमौजी (बाल कविता)*
*मनमौजी (बाल कविता)*
Ravi Prakash
राम रावण युद्ध
राम रावण युद्ध
Kanchan verma
.............सही .......
.............सही .......
Naushaba Suriya
अधरों ने की दिल्लगी,
अधरों ने की दिल्लगी,
sushil sarna
!! रे, मन !!
!! रे, मन !!
Chunnu Lal Gupta
"सबसे पहले"
Dr. Kishan tandon kranti
तुम्हें निभाना नहीं आया
तुम्हें निभाना नहीं आया
हिमांशु Kulshrestha
परत दर परत
परत दर परत
Juhi Grover
गीता जयंती
गीता जयंती
Satish Srijan
*********** एक मुक्तक *************
*********** एक मुक्तक *************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
हिन्दी सूरज नील गगन का
हिन्दी सूरज नील गगन का
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
कांवड़िए
कांवड़िए
surenderpal vaidya
अपने दीपक आप बनो, अब करो उजाला।
अपने दीपक आप बनो, अब करो उजाला।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
🫴झन जाबे🫴
🫴झन जाबे🫴
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
कलम
कलम
अखिलेश 'अखिल'
बात क्या है कुछ बताओ।
बात क्या है कुछ बताओ।
सत्य कुमार प्रेमी
।। श्री सत्यनारायण ब़त कथा महात्तम।।
।। श्री सत्यनारायण ब़त कथा महात्तम।।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
माँ जन्मदात्री , तो पिता पालन हर है
माँ जन्मदात्री , तो पिता पालन हर है
Neeraj Mishra " नीर "
चार बजे
चार बजे
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
कठिन काम करने का भय हक़ीक़त से भी ज़्यादा भारी होता है,
कठिन काम करने का भय हक़ीक़त से भी ज़्यादा भारी होता है,
Ajit Kumar "Karn"
उस गुरु के प्रति ही श्रद्धानत होना चाहिए जो अंधकार से लड़ना सिखाता है
उस गुरु के प्रति ही श्रद्धानत होना चाहिए जो अंधकार से लड़ना सिखाता है
कवि रमेशराज
Loading...