Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Oct 2017 · 1 min read

?साथ चले क्यो दूर जाते हो?

?साथ चले क्यो दूर जाते हो?

क्यू इस तरह मन जलाते हो,,
जहा आग लगी वह क्यों नहीं बुझाते हो,,
देश बालो दिल लगाने में मजा नहीं ,,
जो परदेसियों से दिल लगाते हो।।

हर पल क्यों परेसान से रहते हो ,,
मेरे खुश होने पर हैरान से रहते हो,,
तुमने तो कोई कसर न छोड़ी,,
सताने की अब क्यों सुनसान से रहते हो।।

बेसक मेरा नाम बदनाम करो मोहल्ले में,,
पर याद रहे मेरे घर की एक गली तुम्हारे घर भी जाती है।।

मान जाओ वरना हम मानने की कला भूल जायेंगे,,
फिर तुम ये न समझना की तुम्हे भूल जायेंगे,,
सब्र मेरा हर इम्तहां से बड़ा है,,
वक़्त कैसा भी हो हर वक़्त तुम्हे कबूल जायेंगे।।।
मानक लाल मनु,,,,,

Language: Hindi
301 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
चांदनी रात में बरसाने का नजारा हो,
चांदनी रात में बरसाने का नजारा हो,
Anamika Tiwari 'annpurna '
* मायने शहर के *
* मायने शहर के *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"" *भारत माता* ""
सुनीलानंद महंत
चुनिंदा अश'आर
चुनिंदा अश'आर
Dr fauzia Naseem shad
■ क़ुदरत से खिलवाड़ खुद से खिलवाड़। छेड़ोगे तो छोड़ेगी नहीं।
■ क़ुदरत से खिलवाड़ खुद से खिलवाड़। छेड़ोगे तो छोड़ेगी नहीं।
*प्रणय प्रभात*
बट विपट पीपल की छांव 🐒🦒🐿️🦫
बट विपट पीपल की छांव 🐒🦒🐿️🦫
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
"आत्मावलोकन"
Dr. Kishan tandon kranti
पत्नी (दोहावली)
पत्नी (दोहावली)
Subhash Singhai
ग़ज़ल/नज़्म - मैं बस काश! काश! करते-करते रह गया
ग़ज़ल/नज़्म - मैं बस काश! काश! करते-करते रह गया
अनिल कुमार
*पल में बारिश हो रही, पल में खिलती धूप (कुंडलिया)*
*पल में बारिश हो रही, पल में खिलती धूप (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
2669.*पूर्णिका*
2669.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बेहद दौलत भरी पड़ी है।
बेहद दौलत भरी पड़ी है।
सत्य कुमार प्रेमी
आ गए चुनाव
आ गए चुनाव
Sandeep Pande
लघुकथा-
लघुकथा- "कैंसर" डॉ तबस्सुम जहां
Dr Tabassum Jahan
19. कहानी
19. कहानी
Rajeev Dutta
वतन के लिए
वतन के लिए
नूरफातिमा खातून नूरी
Kalebs Banjo
Kalebs Banjo
shivanshi2011
मैं अक्सर उसके सामने बैठ कर उसे अपने एहसास बताता था लेकिन ना
मैं अक्सर उसके सामने बैठ कर उसे अपने एहसास बताता था लेकिन ना
पूर्वार्थ
वादा करती हूं मै भी साथ रहने का
वादा करती हूं मै भी साथ रहने का
Ram Krishan Rastogi
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
ग़म भूल जाइए,होली में अबकी बार
ग़म भूल जाइए,होली में अबकी बार
Shweta Soni
*आत्मा की वास्तविक स्थिति*
*आत्मा की वास्तविक स्थिति*
Shashi kala vyas
प्रेम विवाह करने वालों को सलाह
प्रेम विवाह करने वालों को सलाह
Satish Srijan
जब मैंने एक तिरंगा खरीदा
जब मैंने एक तिरंगा खरीदा
SURYA PRAKASH SHARMA
मैं सत्य सनातन का साक्षी
मैं सत्य सनातन का साक्षी
Mohan Pandey
रमेशराज के विरोधरस के गीत
रमेशराज के विरोधरस के गीत
कवि रमेशराज
अप्प दीपो भव
अप्प दीपो भव
Shekhar Chandra Mitra
डाल-डाल तुम हो कर आओ
डाल-डाल तुम हो कर आओ
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
विचार
विचार
Godambari Negi
रेत सी जिंदगी लगती है मुझे
रेत सी जिंदगी लगती है मुझे
Harminder Kaur
Loading...