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15 Jul 2023 · 1 min read

*पल में बारिश हो रही, पल में खिलती धूप (कुंडलिया)*

पल में बारिश हो रही, पल में खिलती धूप (कुंडलिया)

पल में बारिश हो रही, पल में खिलती धूप
सावन-भादो के दिखे, पल-पल यह दो रूप
पल-पल यह दो रूप, मेघ दिन में छा जाते
ढली शाम का दौर, दौड़कर अनुपम लाते
कहते रवि कविराय, धरा भीगी है जल में
बरस रहे हैं मेघ, धूप दिखती पल-पल में

रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451

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