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9 May 2017 · 1 min read

?आप है नजदीकिया बढ़ने नही देते?

??ये कविता दिल से निकले शब्द है शायद कई लोगो को समझ आये और कई को हकीकत लग जाये अगर कोई मेरे शब्दों को समझ जाये तो शब्द संकलन सफल हो जाये,,,,मानक लाल मनु,,,,??

?आप है नजदीकिया बढ़ने नही देते?

स्वार्थ और अकड़ किसी की हो हम टिकने नही देते,,,,
हम अपने सिद्धान्त और काम के तरीके बिकने नही देते,,,,

कोई कितना भी सराफत का चोला ओढ़ले अपने बदन पर,,,,
हमसे गले मिले साँप भले पर विष हम खुद पे चढ़ने नही देते,,,,

आप अदब व हद में रहे तो हम घुटनो पे हो जाये आपके लिए,,,,
अन्यथा आस्तीन के नागों को हम ज्यादा बढ़ने नही देते,,,,

रिश्तो की,दोस्ती की,आपसी की,सब रीत जानते है हम,,,,
दिल की दौलत लुटाने बाले है नोटों की कड़क बालो को अकड़ने नही देते,,,,

मनु आपकी गुलामी को भी तैयार है साब सदा के लिए,,,,
पर आप है कि दिलों की नजदीकियां बढ़ने नही देते,,,,
दिलसे,,,मानक लाल मनु,,,,
??सरस्वती साहित्य परिषद,,,,

Language: Hindi
214 Views
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