??हनुमनू निक ताको मेरी ओर??
हनुमनू निक ताको मेरी ओर,
राम चरन सुनिबे को रसिया, पुलके अंग अंग छोर,
ज्ञानिन में श्रेष्ठ हो बजरंग अचरज लीला तोर,
पवन तनय के मुख कूँ ताकें मेरी अँखिया कोर,
सदगुनन की खान हो बजरंग, जय अंजनी किशोर,
अवध लाल के प्रानन प्यारे, मेरे चित के चोर,
सद्गुन की वर्षा अब कीजे, गिरधर मेरी ओर,
‘अभिषेक’ पर सतसंग अभय करो, सचिवन के सिरमौर।
***अभिषेक पाराशर***