?सब कर सकती है माँ? मनु,,,,
?सब कर सकती है माँ?
एक नन्ही सी जिंदगी को बड़े आदमी में बदल सकती है माँ,,,,
एक कदम हम नही चल पाए मगर हजारो कदम चल सकती है माँ,,,,
बापू का रूप वो,भाई का स्वरूप वो,
बहिन का दुलार बन सकती है माँ,,,,
खुद दुख संकटो से लड़ भिड जाती है वो,
संघर्ष में किरपाल ढाल बन सकती है माँ,,,,
माँ की ममता कोई मोल नही सिक्को में,
दुआ में सारी दुनिया तौल सकती है माँ,,,,
माँ के एहसानों को कोई पूत क्या चुकाएगा,
दहाड़ से दुनिया को डोल सकती है माँ,,,,
दस सन्तानो जीवन सरल बना देगी वो,
सेवा करो तो जन्नतदर खोल सकती है माँ,,,,
मंदिर,मस्जिद,गुरुद्वारा,चर्च दूर है न जाओ,
गीता,कुरान,बाइबिल,ग्रन्थ जानती है माँ,,,,
मनु तू क्या माँ पे कलम चलायेगा रे,
स्याही के हर रंग को घोल सकती है माँ,,,,
मानक लाल मनु,,,,
सरस्वती साहित्य परिषद,,,,