【3】 ¡*¡ दिल टूटा आवाज हुई ना ¡*¡
मेरे अरमां सपने थे तुझसे, बेखबर वो टूट गए
दिल में बसने वाले अक्सर, दिलवर ही क्यों रूठ गए
【1】तेरी आंखों में देखा तो, हम बन बैठे दिवाने
याद आ रहे हैं हमको वो, गुजरे वक्त के फंसाने
तुमको हमने माना वफाएं, हमने बेवफा ना जाने
जन्म -2 का साथ था लेकिन, बीच राह तुम छूट गये
मेरे अरमां……………..
[ 2 ] अक्सर देखा करता हूँँ मैं, तुम खोए खोए रहते
सोचता हूँँ क्यों डरते हो तुम, क्यों नहीं दिल्लगी कहते
मिलना बिछड़ना तड़प दे गया, हम तुम बेताबी सहते
तुम तड़पे, हम भी तड़पे, क्यों भाग्य हमारे फूट गए
मेरे अरमां………………
खैमसिंह सैनी
M.A , B.Ed from यूनिवर्सिटी ऑफ राजस्थान