【2】 मेरा छाता
मेरा छाता मेरा भ्राता, बारिश में ये सबको बचाता
तेज धूप में छाया लाता, बहता पसीना रुक सा जाता
मेरा छाता……….
{1} काला – काला मेरा छाता कभी, सिमटता कभी खुल जाता
बारिश में यह कभी भीगता, सूर्य धूप में कभी सूखता
छाता मेरा मुझको भाता, मेरे साथ ये आता जाता
मेरा छाता………..
{2} देखो रंग बिरंगा छाता, किसी का नीला पीला छाता
किसी का खुला बंद है छात, कोई बड़ा कोई छोटा छाता
बादल जब – जब जल बरसाता, छाता अपना फर्ज निभाता
मेरा छाता…………
{3} छाता परोपकार फरमाता, परोपकार का पाठ पढ़ाता
हमें भले की सीख सिखाता, भला करो तुम सबका भ्राता
अच्छा करे वह अच्छा पाता छाता हमको याद दिलाता
Arise DGRJ { Khaimsingh Saini }
M,A, B.Ed from University of Rajasthan
Mob. 9266034599