【【 तन्हा छोड़ गया 】】
एक दस्त सी ज़िन्दगी जैसे ,उजालो ने नाता तोड़ दिया ,
मैं वो हीर जिसका , रांझा उसे तन्हा छोड़ गया ,,
मैं अपने बिखरे दिल को लेकर , किस मंदिर किस दरगाह जाऊ ,
मैं वो दुलहन जिसे बिना गठबंधन , अपना के अनचाहा छोड़ गया,
अकेले ही जलाना हैं इस , पिंजर को ज़माने के इल्ज़ामों से ,
मेरे अंदर वो मोहब्बत का ,एक लम्हा छोड़ गया ,
समेट कर ले गया वो मेरे , सारे ज़ज़्बात और अरमान ,
बेबसी और बर्बादी का मंज़र, बेइंतहा छोड़ गया ,
सब सांझा किया था उससे मैंने , कहानी अपनी ज़िन्दगी की ,
उसने अपना थोड़ा सच बताया, और झूठ अनकहा छोड़ गया ,,
ढूंढती फिर रही हूँ मैं , मकां उसका दर-ब-दर हर दर ,
पता गलत दे कर अनजान शहर में , मुझे अकेला चौराहा पे छोड़ गया ,