【【{{◆◆◆काश काश◆◆◆}}}】】
मोहब्बत का पैगाम लिए
उड़ रहा हूँ आसमां लिए.
ये ज़िन्दगी तो दिखावा है
क्यों जी रहे श्मशान लिए।
दर दर मिल रही हैं ठोकरें
फिर रहा हूँ भगवान लिए.
पहचानो खुद में इंसान को
क्यों जी रहे शैतान लिए।
मेरा है ना तेरा है,
जीवन ये यादों का सवेरा है.
दूर से तो चमक रहा,
पास आये तो गुजर गया
चाँद एक अंधेरा लिए।
भूख है क्यों तन की,
मोह माया ये मन की.
क्यों जला है तू इसमें,
काल भी है चाहत ये धन की।
अपनी बुद्धि साफ़ कर,
हवस को तू नाश कर,
बढ़ जा तू एक आग लिए,
क्यों जी रहा है बार बार
काश काश किए,
बार बार काश काश किए।