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18 May 2020 · 1 min read

~~【【{{◆◆इंसानी कोयल◆◆}}】】~~

गलियों चौराहों पर फिर बहार आएगी,इंसानी
कोयल एक दिन फिर हर जगह गायेगी।

आसान नही हिम्मत इसकी तोड़ना,हजारों
महामारियां आती जाती रह जाएंगी।

जिसने पर्वतों को भी रेत करदिया,कितनी
बंजर जमीं को खेत कर दिया,उसकी जड़
इतनी जल्दी न सूख पाएगी।

जो समन्दरों की गहराई नापता है,जो दूर
अंतरिक्ष तक झाँकता है,उसको क्या एक
बीमारी हराएगी।

चाँद तक जिसका राज है,गया जो सूरज तक
के पास है,बिना पंख जो उड़ता है,उसको क्या
ये चुनोती झुकायेगी।

अभी तो इम्तिहान है,हिला कुछ गुमान है,फिक्र
में जहान है,फिर भी जोश बाकी है मुसीबत ये
भी पार हो जाएगी।

वक़्त थोडा सब्र का है,हो गया अगर मगर का है,
पर चिंता नही कोई,इंसानियत फिर धूम मचाएगी।

क्यों जी रहे हो डरकर,बस रहो थोड़ा संभलकर,
अच्छा है जीना खुद को बदलकर,एकता ही
सबको पार लगाएगी।

हुआ एक काम नेक है,हुए सब देश एक है,एक
दूसरे का दुख दर्द बांट कर फिर बहार आएगी,
इंसानी कोयल फिर गायेगी।

लगेंगे फिर वही मेले,फिर शहरों गांवों की रौनक
जोबन पर आएगी,झूमेंगे फिर बरसात में बच्चे,
हर तरफ खुशहाली छाएगी, इंसानी कोयल जब
फिरसे गायेगी।

Language: Hindi
7 Likes · 10 Comments · 281 Views
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