【{【{सफ़रनामा-दूत प्यार का}】}】
उड़ते उड़ते वो आया,
प्यार का संदेशा वो लाया.
वो सफेद चाँद सा चमके है,
माही की यादें वो लाया।
खुले मैदानों को पार कर,
नदिया झरने पार कर,
उड़ता उड़ता वो आया,
पंखों में अमानत संभालकर।
बादलों को चीरकर आया है,
तूफानों में घिरता आया है.
पहाड़ों से टकराकर,
वो मुझको बताने आया है।
निशानी मेरे महबूब की,
जुबानी मेरे महबूब की,
खत में लिखाकर लाया है,
वो कुछ गीत सुनाने आया है।
भूखा प्यासा वो बेचारा,
आया है थका हारा.
बनकर वो दूत प्यार का,
लाया है संदेशा यार का।
आकर वो आँगन में बैठा,
पंखों को फड़फड़ाकर कहता.
प्यार की नगरी से आया हूँ,,
एक खत मोहब्बत का लाया हूँ।
लेलो अब अपनी अमानत तुम,
देदो मुझको विदाई तुम.
जाकर मालिक को बतलाना है,
हुआ सफल सफरनामा है।