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27 Apr 2020 · 1 min read

【【{{ऑनलाइन ज़हर}}】】

ऊंचे पेड़ पर लगी थी मोहब्बत
पत्थर मार मार के गिराया गया.
गिरी जब ज़मी पर तो,लूट लूट के
ले जाया गया.

है नही कोई अपना एक छोड़ दूजे से दिल
लगाया गया,
कसूर दोनों का था,कसूरवार किस्मत को
बताया गया।

लाजमी है वक़्त बदल गया है,
जिस्म का खेल पुरानी कसमें,कहानियों
को सुना के चलाया गया।

चली है बनावटी रात पहन के चाँद,
सूरज नही निकलेगा यहीं वहम अब हर
तरफ फैलाया गया.

ज़रा संभल कर चलो सबको दफन कर देगा,
ये जो खेल मोहब्बत का ऑनलाइन ज़हर में
पिलाया गया.

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 422 Views
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