Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Apr 2021 · 1 min read

【मधुर स्मित, अधरों की लहर】

लोकों को,
मोहित करती है,
सँवारती है,
बस यही है,
सब कुछ जगत में,
यही वर्ण का वेग,
यही योग है,
यही सुयोग है,
न हो सम्मुख ये,
तो महसूस हो,
विच्छेद होती है,
आत्मा, शरीर से जैसे,
ज्ञान हरा जा चुका है,
मेरा, कुछ नहीं बचा,
मैं रिक्त, ठगा सा,
निर्निमेष देखता,
उन्हें,जैसे देखता,
साधक साधना में,
ईश्वर को,
उनका कम्पन,
मेरे शब्दों का,
कारण है,
मेरे नेत्र की सहसा,
लालिमा, क्रोध नहीं,
उनकी छवि के,
प्रतिबिम्ब से,
प्रतिबिम्बित है,
नासिका को,
सुखद लगती,
जो सुगन्ध,
वह है जिसमें,
जिनका संग संग,
वेष्ठित होना, देता है,
आकर्षण को जन्म,
इस जगत में,
नेत्रों की टकटकी हैं,
जिनमें इस जगत की,
ऐसी है तेरे,
गुलाब सी,
बिम्ब सी रंजित,
मधुर स्मित,
अधरों की लहर।

©अभिषेक पाराशर?????

Language: Hindi
1 Comment · 361 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
संसार में मनुष्य ही एक मात्र,
संसार में मनुष्य ही एक मात्र,
नेताम आर सी
विडम्बना और समझना
विडम्बना और समझना
Seema gupta,Alwar
सोनेवानी के घनघोर जंगल
सोनेवानी के घनघोर जंगल
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
ସାଧୁ ସଙ୍ଗ
ସାଧୁ ସଙ୍ଗ
Bidyadhar Mantry
*आओ चुपके से प्रभो, दो ऐसी सौगात (कुंडलिया)*
*आओ चुपके से प्रभो, दो ऐसी सौगात (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
If you ever need to choose between Love & Career
If you ever need to choose between Love & Career
पूर्वार्थ
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
प्रथम मिलन
प्रथम मिलन
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
किरणों का कोई रंग नहीं होता
किरणों का कोई रंग नहीं होता
Atul "Krishn"
जय श्री कृष्ण
जय श्री कृष्ण
Bodhisatva kastooriya
कल तक जो थे हमारे, अब हो गए विचारे।
कल तक जो थे हमारे, अब हो गए विचारे।
सत्य कुमार प्रेमी
तुम याद आये !
तुम याद आये !
Ramswaroop Dinkar
मैं अपने सारे फ्रेंड्स सर्कल से कहना चाहूँगी...,
मैं अपने सारे फ्रेंड्स सर्कल से कहना चाहूँगी...,
Priya princess panwar
झर-झर बरसे नयन हमारे ज्यूँ झर-झर बदरा बरसे रे
झर-झर बरसे नयन हमारे ज्यूँ झर-झर बदरा बरसे रे
हरवंश हृदय
विश्वास
विश्वास
Paras Nath Jha
मदर इंडिया
मदर इंडिया
Shekhar Chandra Mitra
चल फिर इक बार मिलें हम तुम पहली बार की तरह।
चल फिर इक बार मिलें हम तुम पहली बार की तरह।
Neelam Sharma
3248.*पूर्णिका*
3248.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कन्या रूपी माँ अम्बे
कन्या रूपी माँ अम्बे
Kanchan Khanna
"बल और बुद्धि"
Dr. Kishan tandon kranti
Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
समय से पहले
समय से पहले
अंजनीत निज्जर
तू होती तो
तू होती तो
Satish Srijan
क्या सीत्कार से पैदा हुए चीत्कार का नाम हिंदीग़ज़ल है?
क्या सीत्कार से पैदा हुए चीत्कार का नाम हिंदीग़ज़ल है?
कवि रमेशराज
*मंज़िल पथिक और माध्यम*
*मंज़िल पथिक और माध्यम*
Lokesh Singh
प्रेम पत्र बचाने के शब्द-व्यापारी
प्रेम पत्र बचाने के शब्द-व्यापारी
Dr MusafiR BaithA
हमें अब राम के पदचिन्ह पर चलकर दिखाना है
हमें अब राम के पदचिन्ह पर चलकर दिखाना है
Dr Archana Gupta
बल और बुद्धि का समन्वय हैं हनुमान ।
बल और बुद्धि का समन्वय हैं हनुमान ।
Vindhya Prakash Mishra
सत्य क्या है?
सत्य क्या है?
Vandna thakur
एक ही नारा एक ही काम,
एक ही नारा एक ही काम,
शेखर सिंह
Loading...