✍️ हर बदलते साल की तरह…!
तारीखे साल दर साल
उम्र के पन्ने पलटते रहती है
माह हर माह जीवन के
आंकडो की श्रृंखला बदलते रहती है
दिन प्रति दिन समय के साँसों
की घडी टिक टिक चलते रहती है
हम हर बार नए साल की
बदन पर नयी खाल ओढ़ लेते है
हर माह पाँव में चलने का
नया साहस समेट लेते है
हम हर समय एक पल की
नयी साँस अंदर भर लेते है
और चलते रहते है यूँही…
बस चलते रहते है…
और फिर एक साल
अपनी तारीख बदल देता है..
एक नए साल के लिए…
हम समय,दिन और साल
के बदलाव के साथ बदलने
के संकल्प में व्यस्त हो जाते है
बिलकुल उस साल की तरह
जो व्यस्त हो जाता है हर एक
नयी सुबह को बदलने के लिए..!
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©✍️’अशांत’ शेखर
31/12/2022