✍️हे बेबी!गंगा में नाव पर बैठकर,जप ले नमः शिवाय✍️
##मैं तो प्रयागराज कभी गई ही नहीं##
##आप कैसे जानते हैं,परिचय दें##
##परिचय ले लेना, जब मणिकर्णिका पहुँच जाए##
##अब क्या प्रयागराज फूफा से मिलने गई थी##
##तुम्हारे लिए कोई अलंकृत गीत नहीं बनेंगे##
##बनेंगे तो वे सब ईश्वर के लिये समर्पित##
##ऐसे ही फोटो डालती रहना, गीत लेती रहना##
##फिर एक दैनिक गीत का क़त्ल हुआ##
##😄😄😄😄😄😂😂😘😉😉##
हे बेबी!गंगा में नाव पर बैठकर,जप ले नमः शिवाय,
हे बेबी!गंगा में नाव पर बैठकर,जप ले नमः शिवाय,
लाल शूट में कर रही बल्ले बल्ले बल्ले रे,
लग रही रूपा ऐसे जैसे निकल रही हो गामा रे,
कौन कहा था तुमसे, मेरा गीला हुआ पजामा रे,
किसने कहा था, तुमसे बर्फी तू खिलबाय,
हे बेबी!गंगा में नाव पर बैठकर,जप ले नमः शिवाय।।1।।
रूपा की शादी में कितने पटाखे फूटे थे,
भारत पाक के आख़िरी मैच में कितने टी बी टूटे थे,
जे एन यू में पढ़कर बेबी कितने दिल लूटे थे,
आए हाए! रूपा से नज़र मिली तो कैसी गई सरमाय,
हे बेबी!गंगा में नाव पर बैठकर,जप ले नमः शिवाय।।2।।
कितने रसगुल्ले खाए और कितने डिस्ट्रीब्यूट किये
लास्ट में सबसे कितने तुमने फूल ट्रिब्यूट किये,
घर तक पहुँची थी तो कितने रुट थे चेंज किये,
कभी आ वृन्दावन रूपा, रूपकिशोर से मिलबाय,
हे बेबी!गंगा में नाव पर बैठकर,जप ले नमः शिवाय।।3।।
दिल्ली भी पहुंचेंगे जल्दी,वहीं कहीं मिल जाना तू,
खाना इतना खाना कि गर्दन तक ठुस जाना तू,
अगर बनाना आता हो तो सूजी का हलवा लाना तू,
शान्त रही हो अन्दर से,तो क्यों पुलिस से पिटबाय,
हे बेबी!गंगा में नाव पर बैठकर,जप ले नमः शिवाय।।4।।
।।अलंकृत गीत भी लिखता, पर नहीं।।
।।लिख देंगे, लिखेंगे।।
©®अभिषेक: पाराशरः ‘आनन्द’