✍️साहस
उठने से ज्यादा
तकलीफ़देह है गिरना
और भी मुश्किल है
गिरते हुए को संभालना
उठ नही पाया तो
वह जिंदा रह सकता है
गिरनेवाला बच जाये
ये उसकी किस्मत है
मगर संभल नहीं पाये तो
दो जान का खतरा है
फिर भी इँसा के लिए
गिरना और संभलना
यही साहस के कसौटी
की अंतिम जीवनरेखा है
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©✍️’अशांत’ शेखर
23/11/2022