✍️मानव का वर्तन
मानव का
वर्तन अथाह सागर
सा प्रतीत हो…
ना ज्वार के चढ़ाव
का अहम हो…
ना भाटा के उतार
की शरम हो…
…………………………………//
©✍️’अशांत’ शेखर
27/09/2022
मानव का
वर्तन अथाह सागर
सा प्रतीत हो…
ना ज्वार के चढ़ाव
का अहम हो…
ना भाटा के उतार
की शरम हो…
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©✍️’अशांत’ शेखर
27/09/2022