✍️पलभर का इश्क़✍️
✍️पलभर का इश्क़✍️
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उसका दिल
उसका दर्द
उसकी रूह
उसकी जान
वो किसी पर
भी लुटा दे…!
तुम्हारा क्यूँ
कहाँ मानेगी..?
जब तुमने कुछ
कहाँ ही नहीं..!
हो सकता
ये इश्क हो,
पर तुमने तो
किया ही नहीं..!
वो क्या दिल थे
वहाँ इंतेजार की
आग बुझ गयी..!
यहाँ चिंगारी तक
जली ही नहीं…
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✍️”अशांत”शेखर✍️
22/07/2022