✍️जुबाँ और कलम
ना रख तू यूँही अपने दिल में वहम..
के मेरा जेहन मेरे रूह का आधार नही
ये मेरी जुबाँ और कलम इतनी तेज है
के जितनी किसी शमशीर में धार नहीं
………………………………………………..…//
©✍️’अशांत’ शेखर
16/09/2022
ना रख तू यूँही अपने दिल में वहम..
के मेरा जेहन मेरे रूह का आधार नही
ये मेरी जुबाँ और कलम इतनी तेज है
के जितनी किसी शमशीर में धार नहीं
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©✍️’अशांत’ शेखर
16/09/2022