✍️खंज़र चलाते है ✍️
वो दुख में पावों को पड़ते है,
वो सुख में भूल जाते है,
वो नकली स्माइल देकर के,
गहरे ज़ख़्म दे जाते है,
कहने को वो अपने है पर अपना है नहीं कोई,
वो मीठे बोल बोल के,
दिल पे खंज़र चलाते है।
✍️वैष्णवी गुप्ता (vaishu)
कौशांबी