✍️उम्मीदों की गहरी तड़प
आखिर समंदर को पता है
लहरें साहिल से टकराकर
लौटेगी जरूर..!
तु सागर के भाँति अपने हृदय में
आशाओं का एक विशाल स्त्रोत
निर्माण कर..!
ये सच है उम्मीदों की गहरी तड़प
ख़्वाबो को मंझिलो तक पहुँचाती
होके निडर..!
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©✍️’अशांत’ शेखर
29/10/2022