✍✍ऐसे नवबर्ष हर वर्ष आते रहेंगे ✍✍(पाश्चात्य नववर्ष-2018 के शुभकामनाओं सहित)
ऐसे नववर्ष, हर वर्ष आते रहेंगे,
आनन्द के क्षण यूँ ही लाते रहेंगे,
उन्हें हम न भूलें, जिन्हें तंग करता यह रूपया,
व्यर्थ धन, नववर्ष पर, न खर्च करें कृपया ।।1।।
अर्द्धनग्न तन,शीत आसमान में सोते,
कम्बल ही नहीं, रोटी के लिए भी बिलखकते,
रोटी,कम्बल ही देदें,जिन्हें तंग करता यह रूपया,
व्यर्थ धन, नववर्ष पर, न खर्च करें कृपया ।।2।।
पढ़ाई जो न करपाते मजबूरियों में,
कलम छूट जाती है,प्रारम्भ की सीढ़ियों में,
पुस्तक ही दे दें,जिन्हें तंग करता यह रूपया,
व्यर्थ धन, नववर्ष पर, न खर्च करें कृपया ।।3।।
जो हैं ज़माने में गम के मारे,
अर्थ ही बचा पाए, जिनके अस्तित्व सारे,
सहयोग ही दे दें,जिन्हें तंग करता यह रूपया,
व्यर्थ धन, नववर्ष पर, न खर्च करें कृपया ।।4।।
यह संसार सागर है बहता रहेगा,
यह मजबूर ‘अभिषेक’ भी कहता रहेगा,
संग हिलमिल रहें,जिन्हें तंग करता यह रूपया,
व्यर्थ धन, नववर्ष पर, न खर्च करें कृपया ।।5।।
$$$अभिषेक पाराशर$$$