★ऐलान करती हूँ★
*ऐलान करती हूँ *
ऐलान करती हूँ, मैं डंके की चोट पर,,,
आश्रम बनेगा गुरुवर असंगसाहेब आपका हर एक मोड़ पर।
◆ चलकर आएंगे पैसे वाले भी झोली पसारकर,,
आएंगे नेता अभिनेता भी अपना घमंड उतारकर,,,
सुनते रहेंगे सत्संग घरबार सब छोड़कर ।
आश्रम,,,,,,,
◆ निकलेंगे जिस भी गली से पैगाम मिलेगा,,,
सबकी जुबां पर असंगसाहेब आपका नाम मिलेगा,,
जयकारे भी लगेंगे हर गली हर मोड़ पर,,,
आश्रम,,,,,,,,,
◆ जग में गुरु की महिमा सब जान जाएंगे,,
मेरे गुरु के आशीष से सब पाप मिट जाएंगे,,
वन्दन करेंगे हर नर नारी गुरु के आगमन पर।
आश्रम,,,,,,,,
गायत्री सोनु जैन मन्दसौर??