Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Oct 2023 · 1 min read

■ सुन भी लो…!!

#अकविता-
■ कैलेंडर नहीं हूँ मैं ..!!
【प्रणय प्रभात】
सुनो….!
हां, हां, तुम्ही से कह रहा हूं मैं।
मेरी ज़िंदगी या दुनिया में नहीं-
“पार्ट टाइम” शब्द का कोई अर्थ।
ना ही काम में,
ना ही व्यवहार में।
ना रिश्ते में, नाते में,
दोस्ती में या प्यार में।
मैं पूर्णकालिक, सर्वकालिक सम्बंध में यक़ीन रखता हूं।
जो सार्वभौमिक भी हो
और शाश्वत भी।
नज़दीक़ आना चाहो तो
सलीके से आओ,
दूर जाना हो तो
इतना दूर जाओ कि,
फिर ना ख़्वाबों में आ सको,
ना ही खयालों में….।।
आत्मकथ्य के रूप में बस इतना ही कहना पर्याप्त होगा कि मैं भावात्मक विचार या अकविता लिखता ही नहीं, उन्हें जीता और भोगता भी हूं। यही वजह है कि भागता नहीं किसी से। ना दुनिया से और ना ही अपने आप से। किसी भी हाल या काल में। मैं कोई कैलेंडर नहीं, जो बदल जाऊं हर नए साल में।।

■प्रणय प्रभात■
●संपादक/न्यूज़&व्यूज़●
श्योपुर (मध्यप्रदेश)

1 Like · 113 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Laghukatha :-Kindness
Laghukatha :-Kindness
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
शिक्षक है आदर्श हमारा
शिक्षक है आदर्श हमारा
Harminder Kaur
कृष्ण की फितरत राधा की विरह
कृष्ण की फितरत राधा की विरह
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
आये हो मिलने तुम,जब ऐसा हुआ
आये हो मिलने तुम,जब ऐसा हुआ
gurudeenverma198
मौज में आकर तू देता,
मौज में आकर तू देता,
Satish Srijan
काला न्याय
काला न्याय
Anil chobisa
दो कदम
दो कदम
Dr fauzia Naseem shad
जब मां भारत के सड़कों पर निकलता हूं और उस पर जो हमे भयानक गड
जब मां भारत के सड़कों पर निकलता हूं और उस पर जो हमे भयानक गड
Rj Anand Prajapati
वह बरगद की छाया न जाने कहाॅ॑ खो गई
वह बरगद की छाया न जाने कहाॅ॑ खो गई
VINOD CHAUHAN
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
मैं जी रहीं हूँ, क्योंकि अभी चंद साँसे शेष है।
मैं जी रहीं हूँ, क्योंकि अभी चंद साँसे शेष है।
लक्ष्मी सिंह
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
पिया बिन सावन की बात क्या करें
पिया बिन सावन की बात क्या करें
Devesh Bharadwaj
सच कहूं तो
सच कहूं तो
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
गजल
गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
"ग से गमला"
Dr. Kishan tandon kranti
एक छोरी काळती हमेशा जीव बाळती,
एक छोरी काळती हमेशा जीव बाळती,
प्रेमदास वसु सुरेखा
वसंत पंचमी की शुभकामनाएं ।
वसंत पंचमी की शुभकामनाएं ।
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
प्रिय मैं अंजन नैन लगाऊँ।
प्रिय मैं अंजन नैन लगाऊँ।
Anil Mishra Prahari
In the middle of the sunflower farm
In the middle of the sunflower farm
Sidhartha Mishra
गर कभी आओ मेरे घर....
गर कभी आओ मेरे घर....
Santosh Soni
ई-संपादक
ई-संपादक
Dr. Pradeep Kumar Sharma
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
होटल में......
होटल में......
A🇨🇭maanush
33 लयात्मक हाइकु
33 लयात्मक हाइकु
कवि रमेशराज
*घर की चौखट को लॉंघेगी, नारी दफ्तर जाएगी (हिंदी गजल)*
*घर की चौखट को लॉंघेगी, नारी दफ्तर जाएगी (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
वक्त कब लगता है
वक्त कब लगता है
Surinder blackpen
" मैं कांटा हूँ, तूं है गुलाब सा "
Aarti sirsat
"पंजे से पंजा लड़ाए बैठे
*Author प्रणय प्रभात*
Preparation is
Preparation is
Dhriti Mishra
Loading...