■ समझ जाइए…
■ मन्तव्य-
यदि आपको लगता है कि आपके विरोध मात्र से किसी का कुछ बिगड़ सकता है, तो यह आपकी भूल है। आज के युग में विरोध “मुफ़्त का विज्ञापन” है। फिर चाहे वो किसी व्यक्ति का हो, संगठन का, कार्य या वक्तव्य का। प्रमाण हैं सुर्खिया जो अब या तो विवादित लोग, कृत्त या बोल ही बटोर पाते हैं। यही वजह है कि अब विरोध करना व कराना भी प्रायोजित होने लगा है।
【प्रणय प्रभात】