जिंदगी और उलझनें, सॅंग सॅंग चलेंगी दोस्तों।
प्रभु जी हम पर कृपा करो
Vishnu Prasad 'panchotiya'
अपनी हसरत अपने दिल में दबा कर रखो
मुसाफिर
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
खुशामद किसी की अब होती नहीं हमसे
फूल,पत्ते, तृण, ताल, सबकुछ निखरा है
मैं नहीं हो सका, आपका आदतन
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
उस पार की आबोहवां में जरासी मोहब्बत भर दे
कभी-कभी वक़्त की करवट आपको अचंभित कर जाती है.......चाहे उस क
जो सच में प्रेम करते हैं,
बड़े परिवर्तन तुरंत नहीं हो सकते, लेकिन प्रयास से कठिन भी आस
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
पूरा जब वनवास हुआ तब, राम अयोध्या वापस आये
"गुज़रते वक़्त के कांधे पे, अपना हाथ रक्खा था।
कर लो चाहे जो जतन, नहीं गलेगी दाल