ज़िन्दगी
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
चोर उचक्के बेईमान सब, सेवा करने आए
💐प्रेम कौतुक-330💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
रोटी से फूले नहीं, मानव हो या मूस
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
हर शेर हर ग़ज़ल पे है ऐसी छाप तेरी - संदीप ठाकुर
रिश्तों में जान बनेगी तब, निज पहचान बनेगी।
संपूर्ण कर्म प्रकृति के गुणों के द्वारा किये जाते हैं तथापि
मैं तुम्हें लिखता रहूंगा
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
गणेश चतुर्थी के शुभ पावन अवसर पर सभी को हार्दिक मंगल कामनाओं के साथ...
Ek jindagi ke sapne hajar,