Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Sep 2023 · 1 min read

■ भगवान भला करे वैज्ञानिकों का। 😊😊

■ भगवान भला करे वैज्ञानिकों का। 😊😊

1 Like · 218 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

National Energy Conservation Day
National Energy Conservation Day
Tushar Jagawat
उलझ गई है दुनियां सारी
उलझ गई है दुनियां सारी
Sonam Puneet Dubey
*नज़ाकत या उल्फत*
*नज़ाकत या उल्फत*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ज़िन्दगी में हमेशा खुशियों की सौगात रहे।
ज़िन्दगी में हमेशा खुशियों की सौगात रहे।
Phool gufran
कठोर व कोमल
कठोर व कोमल
surenderpal vaidya
रुका नहीं बचपन
रुका नहीं बचपन
आकाश महेशपुरी
मिली जिस काल आजादी, हुआ दिल चाक भारत का।
मिली जिस काल आजादी, हुआ दिल चाक भारत का।
डॉ.सीमा अग्रवाल
"सुबह की किरणें "
Yogendra Chaturwedi
3879.*पूर्णिका*
3879.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जो नहीं मुमकिन था, वो इंसान सब करता गया।
जो नहीं मुमकिन था, वो इंसान सब करता गया।
सत्य कुमार प्रेमी
लिखने लग जाती मैं कविता
लिखने लग जाती मैं कविता
Seema gupta,Alwar
निकल आए न मेरी आँखों से ज़म ज़म
निकल आए न मेरी आँखों से ज़म ज़म
इशरत हिदायत ख़ान
दिल के हर
दिल के हर
Dr fauzia Naseem shad
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
- यादें ही तो याद आती है -
- यादें ही तो याद आती है -
bharat gehlot
आत्मविश्वास से लबरेज व्यक्ति के लिए आकाश की ऊंचाई नापना भी उ
आत्मविश्वास से लबरेज व्यक्ति के लिए आकाश की ऊंचाई नापना भी उ
Paras Nath Jha
मन्नतों के धागे होते है बेटे
मन्नतों के धागे होते है बेटे
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
बहुत चाहा हमने कि
बहुत चाहा हमने कि
gurudeenverma198
#ਚਾਹਤ
#ਚਾਹਤ
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
काश...
काश...
हिमांशु Kulshrestha
मेरे भाव
मेरे भाव
ललकार भारद्वाज
स्वाभिमान
स्वाभिमान
Shweta Soni
सुरक्षा
सुरक्षा
Dr. Kishan tandon kranti
चले शहर की ओर जब,नवयुवकों के पाँव।
चले शहर की ओर जब,नवयुवकों के पाँव।
RAMESH SHARMA
क्रांक्रीट का जंगल न बनाएंगे..
क्रांक्रीट का जंगल न बनाएंगे..
पं अंजू पांडेय अश्रु
कविता
कविता
Shiv yadav
*जनता को कर नमस्कार, जेलों में जाते नेताजी(हिंदी गजल/ गीतिका
*जनता को कर नमस्कार, जेलों में जाते नेताजी(हिंदी गजल/ गीतिका
Ravi Prakash
आ जाओ अब कृष्ण कन्हाई,डरा रही है तन्हाई है
आ जाओ अब कृष्ण कन्हाई,डरा रही है तन्हाई है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
सत्य मंथन
सत्य मंथन
मनोज कर्ण
खुश रहने वाले गांव और गरीबी में खुश रह लेते हैं दुःख का रोना
खुश रहने वाले गांव और गरीबी में खुश रह लेते हैं दुःख का रोना
Ranjeet kumar patre
Loading...