मुजरिम करार जब कोई क़ातिल...
बच्चे पढ़े-लिखे आज के , माँग रहे रोजगार ।
वह (कुछ भाव-स्वभाव चित्र)
बहुत दिनों के बाद दिल को फिर सुकून मिला।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
दोस्ती
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
रंग तो प्रेम की परिभाषा है
रमेशराज की विरोधरस की मुक्तछंद कविताएँ—2.
हालातों से हारकर दर्द को लब्ज़ो की जुबां दी हैं मैंने।
अजहर अली (An Explorer of Life)
Mai apni wasiyat tere nam kar baithi
घर छूटा तो बाकी के असबाब भी लेकर क्या करती
"होना है क्यों हताश ज़रा हट के सोचिए।
* भीतर से रंगीन, शिष्टता ऊपर से पर लादी【हिंदी गजल/ गीति
The sky longed for the earth, so the clouds set themselves free.
संघर्ष ,संघर्ष, संघर्ष करना!